मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

April 16, 2015

कानून को बदलने की प्रक्रिया होती हैं जो केवल संवेदना आधारित नहीं हो सकती हैं

अर्णव गोस्वामी जैसे लोग जो टाइम्स नाउ पर # लगा कर बेफिजूल मुद्दो को उठाते हैं वो पत्रकार हैं ही नहीं।  कभी भी उनका चेंनेल देखो केवल उनका ही पक्ष सुनाई देता हैं और दूसरा कोई अपना पक्ष नहीं रख पता हैं ब्रेकिंग न्यूज़ के नाम पर हर बात को ले कर हल्ला मचाना और अपने को बेस्ट न्यूज़ चैनल बताना उनकी जरुरत हैं ताकि उनके कारोबार के लिये उनको विज्ञापन मिल सके। 
भारतीये वैसे भी हमेशा से सिम्पथी सीकर और गिवर रहे हैं इस लिये बिना कानून जाने हर मुद्दे पर ढेरो पोस्ट फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर रोज दिखती हैं।
किसी भी समाचार को पोस्ट करने से पहले और किसी कानून की धज्जिया उड़ाने से पहले एक बार नेट पर उस से जुड़ी और जानकारी अगर हम देख ले तो बेहतर होगा।
कानून को बदलने की प्रक्रिया होती हैं जो केवल संवेदना आधारित नहीं हो सकती हैं हाँ संवेदना उसका एक आधार हो सकती हैं

Blog Archive