मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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May 02, 2013

बहुत कुछ दिखा ७ साल की हिंदी ब्लोगिंग में . हर साल लोग सोचते हैं "अब गयी "

नज़र अपनी अपनी समझ अपनी अपनी . ६ साल के बाद हिंदी ब्लॉग लेखन
पाठक संख्या ३६५ कमेन्ट लगभग ४० 
५ साल होगये पता भी नहीं चला , मै यहाँ खुश होने आयी थी , खुश करने नहीं और मै उस मकसद में कामयाब हूँ ।
पाठक संख्या ४०६ कमेन्ट २९ 


एक और साल होगया हैं हिंदी में ब्लॉग लेखन करते हुए . इस पूरे साल में खुद ही बहुत कम सक्रिय रही लिखने में लेकिन पढना बदस्तूर जारी रहा . 
बहुत बदलाव दिखा ब्लॉग सम्बन्धो मे 
इस पोस्ट पर मठाधीश के बाद मठ की जानकारी बिना किसी सक्रियता क्रम दिये हुए संबंधो में बहुत बदलाव आया हैं . बहुत से जो नेट वर्किंग के लिये ब्लॉग का इस्तमाल करते थे अब नेटवर्किंग साइट्स पर ब्लोगिंग करते हैं 

इस साल बहुत से ब्लॉगर प्रिंट मीडिया में साहित्यकार बन गए यानी उनकी पुस्तके छप गई हैं या यूँ कहिये ब्लॉग पर जो उन्होने लिखा हैं उसको पैसा देकर उन्होने छपा लिया हैं एक पुस्तक के रूप में . इस साल जैम कर पुस्तक विमोचन हुए हैं हिंदी ब्लॉगर की किताबो के . 

फिर भी लोग कहते हैं ब्लोगिंग में पैसा नहीं हैं :) पब्लिशर की रोजी रोटी का जुगाड़ तो कर ही दिया हैं हिंदी ब्लॉग / ब्लॉगर ने . और साहित्यकार तो पैसे वाले ही बन सकते हैं , इस साल ये पूरी तरह से निश्चित हो गया हैं की हिंदी ब्लॉगर के पास पैसा हैं इस लिये वो साहित्यकार बनने में सक्षम हैं . 

इसी ब्लॉग नेट वर्क के जरिये लोगो ने इतना पैसा इकठा कर लिया हैं किताबे छपा कर की वो अपनी खुद की साईट पर अपना अखबार चला रहे हैं लेकिन ऐसी जानकारियों को छुपा कर रखते हैं और "ब्लॉग परिवार " के साथ नहीं बाँटते हैं 


जिन्होने 'सहभागिता " से पुस्तके छपवाई हैं अब उनको बेचने का जिम्मा भी उन्ही का हैं . तमाम किताब बेचने वाली साईट पर ये पुस्तके उपलब्ध हैं यानी उन साईट का भी फायदा . 

फिर लोगो कहते हैं हिंदी ब्लॉग लेखन में पैसा नहीं हैं :)

एक ही पुस्तक की समीक्षा ना जाने कितने ब्लॉग पर पढने को मिल जाती हैं और सब " सकारात्मक " समीक्षाए हैं मजेदार बात ये हैं की जो समीक्षा करते हैं उन्होने शायद ही कभी उस ब्लॉग पर जा कर कमेन्ट दिया हो जिस को पुस्तक का रूप दिया गया हैं . 

बहुत कुछ दिखा ७ साल की हिंदी ब्लोगिंग में . हर साल लोग सोचते हैं "अब गयी " पर व्यक्ति संबंधो की लिस्ट बढ़ रही हैं मै बस यही कहूंगी 

8 comments:

  1. तभी तो ये ब्लोगिंग है जो जाते जाते वापस मुड जाती है :)

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  2. ५ साल होगये पता भी नहीं चला , मै यहाँ खुश होने आयी थी , खुश करने नहीं और मै उस मकसद में कामयाब हूँ ।
    bahut-bahut badhaai aur dhero shubhkamnayen
    mujhe aapki baaten bahut jachati hai

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  3. आप भी एक किताब लिख डालिये इस सात साला अनुभव पर, बिना लाग लपेट के :)

    लोग अगर ऐसा सोचते हैं कि ’अब गयी’ तो इससे आपकी उपयोगिता और अधिक सिद्ध होती है। ढेरों बधाई और शुभकामनायें।

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  4. शुभकामनाएं आने वाले साठ सालों के लिए...
    :-)

    अनु

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  5. आपका कथन वास्तविकता के बिल्कुल निकट खडा है.

    रामराम.

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  6. हां, हम पब्लिशरों की रोजी रोटी का जुगाड सच में बढिया हो गया है.:)

    रामराम.

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  7. ये बात बता के आप ने हिंदी ब्लोगिंग के किये औरो को और प्रेरित किया है
    प्रथमप्रयास- 28/08/2013

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  8. ये बात बता के आप ने हिंदी ब्लोगिंग के किये औरो को और प्रेरित किया है
    प्रथमप्रयास- 28/08/2013

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