मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

May 30, 2012

अगर मेरा लिखा पढ़ना हैं तो निडरता का प्रमाण पत्र तो लाना ही होगा

संतोष त्रिवेदी
कभी आप दिव्या जील पर दिवस को जोड़ कर पोस्ट बनाते हैं और बिना शर्मसार हुए दिवस जिसे वो भाई मानती हैं उनका नाम जोडते हैं और दिव्या को लोमड़ी कहते हैं और फिर आप के मित्र ताली बजाते हैं
उसके बाद आप मेरे आलेख के ऊपर पोस्ट बनाते हैं
और आप अपने को बुद्धिजीवी कहते हैं ??
अगर हिम्मत हैं और अपनी माँ का दूध पीया हैं तो हम सब महिला पर नाम लेकर पोस्ट बनाए और मैने ये मुद्दा ना अन सी डब्लू मै उठाया तो मैने अपनी माँ का दूध नहीं पीया हैं समझ लीजिये
अग्रीगेटर के मालिक जो हैं वो साधिकार मुझ से कह सकते हैं
अग्रीगेटर आप की निजी संपत्ति नहीं हैं और ना ही मेरा ब्लॉग
मै ब्लॉग लिखती हूँ , पोस्ट लिखती हूँ तो नाम के साथ लिखती हूँ निडर हो कर लिखती और अब उनके लिये लिखती हूँ जो निडरता का प्रमाण पत्र रखते हैं
और अगर मेरा लिखा पढ़ना हैं तो निडरता का प्रमाण पत्र तो लाना ही होगा
नहीं हैं तो अपने ब्लॉग पर रोते रहे
सतीश जी शुक्रिया दोनों पोस्ट पर अपनी आपत्ति दर्ज करने की

ये कमेन्ट अब डिलीट कर दिया गया हैं
खुद वही कर रहे हैं जिसके लिये मेरे ऊपर आपत्ति दर्ज करते हैं
अब कमेन्ट मोडरेशन लग गया हैं
हिम्मत ही नहीं हैं
and now my comment is
अशालीन टिप्पणी
calling a blogger lomadii is shaaleen my god what hypocracy
if writes its एक विशेष प्रवृत्ति के खिलाफ मेरा नजरिया है,
and if i write its WRONG
waah kyaa baat haen

May 26, 2012

ट्रेंड सेटर

कितनी अजीब बात हैं पहले लोग परेशान रहते थे की मै हमेशा अंट शंट लिखती हूँ , हिंदी मे गलती करती हूँ , नकारात्मक लिखती हूँ , हिंदी ब्लॉग के सो काल्ड परिवार के खिलाफ लिखती हूँ . अब जब मै ने अपने ब्लॉग को निमंत्रित लोगो के लिये करदिया यानी पाठक को अधिकार दे दिया की वो चाहे तो ही मुझे पढ़े तो भी लोग परेशान हैं , उन्हे ये अलोकतांत्रिक लग रहा हैं .

चलिये ख़ुशी की बात ये हैं की मुझे ट्रेंड सेटर मान ही रहे हैं,

ऐसा बस हिंदी ब्लोगिंग मे ही होता हैं


रचना ने कहा…
निर्णायक मंडल
परिकल्पना सम्मान-२०११ हेतु रचनाकारों के चयन के लिए , हमारे निर्णायक :
मुख्य समन्वयक सह मार्गदर्शक :
डा. सुभाष राय ( मुख्य संपादक : दैनिक जनसंदेश टाइम्स,लखनऊ )
मुख्य सलाहकार :
श्रीमती सरस्वती प्रसाद (वरिष्ठ कवियित्री,पुणे )
श्री समीर लाल समीर, टोरंटो (कनाडा )
निर्णायक मंडल :
श्रीमती निर्मला कपिला,नंगल (पंजाब)
डा. अरविन्द मिश्र, वाराणसी
श्री खुशदीप सहगल, दिल्ली
श्री सुमन सिन्हा,पटना
श्री गिरीश पंकज, रायपुर
श्री मनोज कुमार,कोलकाता
श्रीमती शिखा वार्ष्णेय, लन्दन
श्रीमती दर्शन कौर धनोए,मुम्बई
श्री शाहिद मिर्ज़ा शाहिद,मेरठ
श्री ललित शर्मा,अभनपुर
श्रीमती अरुणा कपूर,दिल्ली
श्री पवन चन्दन,दिल्ली
श्री बसंत आर्य,मुम्बई
श्री विरेन्द्र शर्मा, मिशिगन (यु एस ए)
* उपरोक्त निर्णायकों के अभिमत के साथ संपादक मंडल के सदस्यों क्रमश: रवीन्द्र प्रभात, अविनाश वाचस्पति,रश्मि प्रभा,रणधीर सिंह सुमन, जाकिर अली रजनीश,शहनवाज़ और कनिष्क कश्यप भी निर्णायकों के साथ सहायक की भूमिका में होंगे !







कितनी बढ़िया बात हैं की जितने नाम नामांकित हैं वो बहुत से निर्णायक मंडल 
में भी हैं और अभी तक भी उन्होने आपना नाम वापिस नहीं लिया हैं दशक का ब्लॉग 
/ ब्लोग्गर कहलाने से . 
ऐसा बस हिंदी ब्लोगिंग मे ही होता हैं  निर्णायक भी नोमिनेट हो और मना ना करे 

May 24, 2012

कॉमन वेल्थ का सामान अब अलग अलग मंत्रालय को मुफ्त में दिया जाएगा

कॉमन वेल्थ का सामान अब अलग अलग मंत्रालय को मुफ्त में दिया जाएगा . संसद ने ये पास कर दिया हैं . रेलवे को रसोई का सामान मिलेगा यानी सारे माइक्रोवेव अब रेल के अधिकारियों के यहाँ चलेगे , क्युकी ट्रेन मे तो चल नहीं सकते . कुछ सामान सरकारी स्कूल को दिया जायेगा , हो सकता हैं डबल बेड दिये जा रहे हो . 

शायद इसीलिये सरकारी नौकरी पाने के लिये लोग रिश्वत देते हैं . बाद में तो घर खर्च  का जुगाड़ तो सरकार  कर ही देती हैं . 

May 23, 2012

किसी भी प्रकार के पुरूस्कार से प्रतिस्पर्धा बढ़ती हैं

 किसी भी प्रकार के पुरूस्कार से प्रतिस्पर्धा बढ़ती हैं . जबकि अब 10 वे के नतीजे मे भी नंबर नहीं देने का फैसला हैं , ब्लॉग पर पुरूस्कार देना गलत हैं . 
जिस पुरूस्कार की कोई मान्यता ही नहीं हैं , जिसके चुनाव की प्रक्रिया में लेखक की सहमति ही नहीं ली गयी हैं उसको ले कर लोग क्या साबित करते हैं ??? 
पता नहीं , शायद कहीं और कुछ नहीं मिलता हैं , प्रशंसा की दरकार हैं शायद उनको , या शायद ये मुगालता हैं की वो सबसे बेहतर हैं 

May 22, 2012

चलिये बताये क्या आप जानते थे ये बात .

 निमंत्रित पाठक नमस्ते
चलिये बताये क्या आप जानते थे ये बात .

भारत में निमन्त्रण का अर्थ हैं किसी को आमंत्रित करना , हम यहाँ आमंत्रित करने वाले से पूछते नहीं हैं जबकि बाकी जगह आमत्रित करने वाले से पहले पूछा जाता हैं "क्या आप आना पसंद करेगे , क्या आप आ सकते हैं " . जब उनसे सहमति मिल जाती हैं तब उनको निमन्त्रण भेजा जाता हैं .
ये एक सेट प्रोसेस हैं जो हमारे यहाँ अभी केवल कुछ वर्गों में प्रचलित हैं .
इस लिये गूगल ने ये सुविधा प्रदान कर रखी हैं .

May 19, 2012

ब्लोगिंग का अर्थ हैं सार्जनिक डायरी यानी सब कुछ सामने . ये छुपा कर वोट करने का क्या औचित्य हैं .

पहले ब्लॉगर को खुद अधिकार होना चाहिये की वो अपना नामांकन करे . जो ब्लॉगर ये पुरूस्कार चाहते हैं वो पहले नामांकन भरे . पुरानी सारी प्रक्रिया रद्द होनी चाहिये . पारदर्शिता हैं की आप अगली पोस्ट में पहले नामांकन मँगाए ब्लॉगर से उनके नाम का . कौन ऐसा व्यक्ति हैं जो ये मानता हैं की वो दशक का ब्लॉगर कहलाने योग्य हैं . ये जरुरी हैं की ये नाम कमेन्ट के जरिये सबके सामने हो . जब ये नाम आ जाये उसके बाद ही पाठको से पूछा जाये की वो इन में से किसको बनाना चाहते हैं . वो भी कमेन्ट में ही हो और एक हफ्ते के अन्दर जितने कमेन्ट हो उनको गिन लिया जाए . ब्लोगिंग का अर्थ हैं सार्जनिक डायरी यानी सब कुछ सामने . ये छुपा कर वोट करने का क्या औचित्य हैं . 

जब टिपण्णी की सुविधा हैं तो फिर वोट क्यूँ . जिस को जिसे चुनना हैं वो खुल कर कह दे . इतना दुराव छिपाव किसलिये . और संभव हो तो ना पसंद { यानी 
राईट तो रिजेक्ट } भी होना चाहिये . अगर कोई अपने को दशक का ब्लॉगर मानता हैं और पाठक नहीं मानते तो उन्हे अधिकार होना चाहिये की उस ब्लॉगर के नाम को रिजेक्ट कर दे . लेकिन हो सब ओपन प्रोसेस से . 

जितनी नेगटिव टीप हो वो भी काउंट की ही जा सकती हैं .
मुझे सच में ये जानने की बड़ी इच्छा हैं की
कौन ऐसा ब्लॉगर  हैं
जो अपने को दशक का ब्लॉगर मानता हैं . ?
जो अपने को दशक का ब्लॉगर  कवि इत्यादि मानता हैं ?
कौन हैं जो अपने ब्लॉग लेखन से इतना संतुष्ट हैं की अपने को पुरूस्कार का हकदार मानता हैं




May 15, 2012

मेरी अग्रिम बधाई स्वीकारे .

क्या आप इस दशक के हिंदी चिट्ठाकार  बनना चाहते हैं ? तो तुरंत इस लिंक को अपने ब्लॉग मित्रो को फॉरवर्ड करिये . जितने आप को वोट देगे उतना संभावनाए अधिक होगी आप के पास इस  उपाधि को पाकर आपने ब्लॉग की टेम्पलेट में लगाने की . 
मेरी अग्रिम बधाई स्वीकारे क्युकी इस उपाधि के बाद आप को ब्लॉग भारत रत्न मिलना ही रह जाता हैं और वो आप को अगले साल अवश्य मिलेगा . उसके लिये भी अगर आप इस दौड़ मे शामिल हैं तो भी मेरी अग्रिम बधाई स्वीकारे . 

जो लोग पुरूस्कार देने में सक्षम हैं वो शुभकामना के अधिकारी हैं , मेरी शुभकामना . 
फिर मिलते हैं पुरूस्कार वितरण समारोह के विवरण के बाद 

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