मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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October 07, 2010

प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड का फैसला दूरगामी लगता हैं

आज सोच रही थी कि इस पर कुछ लिखूं आप का लेख पढ़ा
विचार शून्य जी लीजिये कमेन्ट

जितनी जानकारी कानून कि हैं उसके अनुसार आज कल आजीवन कारावास का अर्थ हैं जब तक मृत्यु ना हो पहले ये १४ साल कि होती थी
हमारे देश मे इस समय कोई भी जल्लाद मौजूद नहीं हैं सो फांसी कि सजा बेमानी होती हैं
मुझे ये फैसला देने वाले नयाधीश पर इन्ही दो बातो कि वजेह से गुस्सा नहीं आया क्युकी ये फैसला बहुत दूरगामी हैं

हाँ कभी कभी सोचती हूँ रेप और मर्डर करने वालो से लोग शादी कैसे करलेते हैं और ऐसे लोग अपने बच्चो के भविष्य के बारे मे क्या कभी सोचते हैं उन्हे संसार मे लाने से पहले ??

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