मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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June 01, 2010

सर को समर्पित

उनका ये इस "सर" को समर्पित हैं
उनका वो उस "सर" को समर्पित हैं

कोई भी "मैडम" उनके किसी
समर्पण कि अधिकारी नहीं हैं

क्युकी बे सिर पैर को
पलकों पे बिठाना
किसी ना किसी
"सर" को ही आता हैं

पर दोस्ताना के माहोल मे
पलकों पर सर ही सर को बिठाते हैं

3 comments:

  1. आईये, मन की शांति का उपाय धारण करें!
    आचार्य जी

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  2. ये कोई गे लोगों का चक्कर है क्या ? गे -जमावड़ा !

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