मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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July 07, 2009

ब्लॉगर ब्लॉगर संवाद

ब्लॉगर ब्लॉगर संवाद
ब्लॉगर १ कहो कैसी हो और क्या चल रहा हैं
ब्लॉगर २ बस ठीक हूँ तुम बताओ कोई नई ख़बर
ब्लोगेर १ तुम्हे नहीं पता
ब्लॉगर २ ना कुछ ख़ास
ब्लॉगर १ जानती हो पाखण्ड को ख़तम करने के लिये व्यभिचार जरुरी हैं
ब्लॉगर २ क्या कह रहे हो
ब्लॉगर १ बिल्कुल सही कह रहा हूँ
ब्लॉगर २ कहा देखा
ब्लॉगर १ तेरी समझ भी ना !! क्या कहू हिन्दी ब्लॉग ध्यान से पढा कर समझ ठीक हो जाएगी

5 comments:

  1. रचना जी
    बड़ी अजीब अभिव्यक्ति लगी आपकी..
    या फिर मैं समझ नहीं पाया.
    - विजय

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  2. मुझे लगा कोई नुक्कड् नातक चल रहा है

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  3. कहाँ कहाँ निशाना लगाया जा रहा है
    समझने वाले समझ गए न समझे जो..............
    वीनस केसरी

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  4. व्यभिचार को मैं तैयार हूँ,
    पर यह ’ दाल रोटी चावल ’ से कुछ अलग डिश लगती है ।
    घरवाली से फ़रमाईश की तो उनकी भ्रुकिटी तन गयी, जी !
    इसमें ऎसा भी क्या है ? अब जरा लगे हाथ इसकी रेसीपि भी बतायी जाये !

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