मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

June 30, 2009

बहुत से लोग "पकड़ लिया पकड़ लिया" चिल्ला रहे हैं पर ये वैसा ही हैं जैसे " शेर आया शेर आया " !!!!!!!!!!!!

आज कल बहुत से ब्लॉगर मित्र अपने अपने ब्लॉग पर आई पी ट्रैकर लगा रहे हैं । ध्यान रहे जो आई पी ट्रैकर आप लगा रहे हैं उसमे ये सुविधा होनी चाहिये की वो आई पी को ट्रैक करके आप के लिये सेव भी कर सके । जब तक आई पी सेव नहीं होगा आप उस के बारे मे कोई जानकारी नहीं पा सकते । ब्लॉग पर आई पी तरसकर डालने से आप को कोई फायदा नहीं होगा हाँ जो आप का पेज पढ़ रहा उसको उस ट्रैकर मे अपना आई पी जरुर दिखेगा । आप अगर टिप्पणी करता का आई पी जानना हैं तो आप को काउंटर सेवा प्रयोग करना होगा । फ्री सेवा मे केवल आई पी पता लगता हैं और पेड सेवा मे काफी सुविधाये और भी ।

बहुत से लोग "पकड़ लिया पकड़ लिया" चिल्ला रहे हैं पर ये वैसा ही हैं जैसे " शेर आया शेर आया " !!!!!!!!!!!!

हम सब को जो ब्लागस्पाट पर हैं जरुरत हैं की एक ऐसा विडजेट खोजे या बनाए जो एडिट हटमल मे कमेन्ट एक साथ समनव्यय कर जाए यानी ट्रैकर कमेन्ट मे लगे । एक बार मैने और सागर नाहर ने इस विषय मे काफी बात की थी पर इसके लिये तकनीक का जान कर चाहिये । किसी को कुछ पता हो तो लिखे ।

June 29, 2009

एक id , दो व्यक्ति और दो आई पी या एक व्यक्ति , एक id , दो आई पी

आपके ब्लॉग पर आने वाले कमेन्ट को जानने के लिये आप के पास उस कमेन्ट का आई पी एड्रेस होना चाहिये । आई पी एड्रेस कमसे कम xxx.xxx.xxx.xxx फॉर्म मे होना जरुरी हैं । अगर आप के पास केवल xxx.xxx.xxx तो आप whois , trace इत्यादि नहीं करसकते हैं .
आई पी एड्रेस को लेकर आप किसी भी नेट वर्क टूल्स की साईट पर जा कर पेस्ट करे और उसके बाद जहां trace लिखा हैं उसको click करेनीचे देखे आप को पूरी जानकारी मिल जायेगी की आप के पास किस किस जगह से घूम कर ये आई पी आया हैं .

अब अगर आप trace की जगह net work look up को क्लिक करते हैं , आप को पूरी डिटेल मिल जायेगी उस कंपनी की जिसका इन्टरनेट कनेक्शन हैं और अंत मे आप को वो ईमेल एड्रेस भी मिलेगा जिस पर आप abuse की शिकायत दर्ज कर सकते हैंपिछली पोस्ट मे लोगो ने कहा था abuse की शिकायत करना और उसको prove करना और आई पी बंद करवाना इतना आसन नहीं होताकौन सी लड़ाई आसन होती हैं पर नामुमकिन कुछ नहीं हैं अगर कोई एक बार हिम्मत कर ले तो सम्भव सो सब कुछ होता हैं और मै ब्लॉग के जरिये केवल जानकारी बाँट रही हूँ , आप्शन बता रही हूँ

इसी तरह अगर आप नेटवर्क टूल्स मे whois का बटन क्लिक करेगे तो आप को उस कंपनी का एड्रेस भी मिल जाएगा जहाँ से इन्टरनेट कनेक्शन लिया गया था

इस सब मे कुछ बाते ध्यान मे रखने की हैं
कभी कभी सर्वर बाहर होता हैं पर कंपनी दिल्ली मे होती हैं जैसे अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक गुरगावं से अगर कोई आप की साईट पर आता हैं और आप उसका आई पी ट्रैक करते हैं तो वो आप को ऑस्ट्रेलिया का मिलेगा
इसके अलावा प्रॉक्सी सर्वर की भी सुविधा हैं
और सब से बड़ी बात अगर दो लोगो अपना ईमेल id और पासवर्ड आपस मे शयेर करते हैं तो वो अलग अलग जगह से एक ही समय मे आप के ब्लॉग पर पोस्ट कर सकते हैं , यानी एक id , दो व्यक्ति और दो आई पी

उसी तरह से अगर एक व्यक्ति के पास अपना एक आई पी हैं और उसके आस पास उन्सेकुरेड वाईफ्याई हैं तो वो दोनों का इस्तमाल करके आप की साईट पर कमेन्ट कर सकतायानी एक व्यक्ति , एक id , दो आई पी

अनाम कमेन्ट जब तक किसी के लिये अपशब्द नहीं हैं तब तक उनसे कोई फरक नहीं पड़तालेकिन ये याद रखे की कमेन्ट मोदेरेशन आप का अधिकार हैं और आप के ब्लॉग पर वही कमेन्ट कर सकता हैं जिसको आप चाहेहां अगर आप का कमेन्ट कोई बार बार moderate करता हैं तो क्या जरुरी हैं उस ब्लोग्पर जाना और कमेन्ट करनाआप लिंक दे कर भी अपने ब्लोग्पर चर्चा कर सकते

आप जब नेट वर्क टूल्स की साईट खोलते हैं तो आप को अपना आई पी दिखेगापहले अपने आई पी की trace करे और फिर वहाँ कोई दूसरा आई पी पेस्ट करे

June 27, 2009

अनाम कमेन्ट क्यूँ ?बात की तह तक जाए

आज आशीष की पोस्ट पर कुश का कमेन्ट देखा की सब लोग अपना ip address उपलब्ध करा दे यानी अगर सम्भव हो तो हम अपना ip address अपने ब्लॉग पर ही लेआउट मे डाल कर सब के सामने रख दे { MY INTERPRETATION } .

हर अनाम कमेन्ट मे जरुरी नहीं हैं की ऐसा हो जो वान्छित नहीं हैं । कई बार अनाम कमेन्ट कई कारण से किये जाते हैं जैसे
अगर आप लोग इन नहीं करना चाहते क्युकी लोगिन करने से आप का पास वर्ड उस कंप्यूटर पर कई बार रह जाता हैं।
या पोस्ट ऐसी हैं की आप अपनी राय अपने नाम से नहीं देना चाहते क्युकी पोस्ट मे जो लिखा गया हैं आप उस पर राय देना चाहते हैं लेकिन नाम से नहीं
या आप इन्टरनेट पर आपना नाम और शक्सियत देना ही नहीं चाहते और अनाम / छद्म नाम से लिखते है ।
या
आप पर किसी ने कभी बहुत वाहियात टिप्पणी की हैं और आप उस व्यक्ति तक अपनी आवाज / टंकार देना चाहते हैं , {जरुरी नहीं हैं वो टिप्पणी आज ही की गयी हो , हो सकता हैं साल / ६ महिना पहले कहीं किसी ने अनाम बन कर आप के चरित्र / आप के माता पिता के ऊपर / आप के इंग्लिश बोलने पर / आप के वेस्टर्न कपड़ो पर छीटा कशी की हैं और आप भी उस कर्ज को सूद समेत वापस करना चाहते हैं }

इन चारो कारणों मे से किसी भी कर्ण की वज़ह से अगर आप अपने ही इप अद्द्द्रेस से निरंतर कमेन्ट कर रहे हैं तो आप कहीं ना कहीं चाहते हैं की लोग आप को pehchan lae यानी आप को डर नहीं होता हैं ।

मुश्किल वहाँ आती हैं जहाँ लोग अलग अलग इप एड्रेस से कमेन्ट करवाते हैं । यानी जैसे कुश हैं जयपुर मे और मै हूँ दिल्ली मे और मे कुश से कहूँ की आशीष की पोस्ट पर एक अनाम कमेन्ट कर दो और मे कमेन्ट का टेक्स्ट अपनी शेली मे कुश को दे दूँ और पोस्ट कर दे ।

आशीष को IP aadress to जयपुर का मिलेगा और शेली मेरी मिलेगी सो प्रॉब्लम होसकती हैं पहचान करने मे .

इसके अलावा लोग अपने ब्लॉग पर ख़ुद भी अनाम कमेन्ट करते हैं ।

ज्यातर अनाम कमेन्ट आते हैं उन इप एड्रेस से जो सरकारी दफ्तरों मे उपलब्ध हैं या साइबर कैफे के हैं क्युकी वहाँ कंप्यूटर पर कोई सॉफ्टवेर नहीं होता ट्रैक करने के लिये । प्राइवेट सेक्टर मे मालिक अपने कंप्यूटर / सर्वर पर सॉफ्टवेर डाल कर रखता हैं और जब भी कोई इन्टरनेट को चलाता हैं , जिस वेब साईट पर भी जाता उस सॉफ्टवेर मे रिकॉर्ड हो जाता हैं ।

हिन्दी ब्लॉगर जो भी बँटा उसका स्वागत अनाम गालियों से जरुर होता हैं और फिर वो भी वही सीख कर वापस करता हैं क्युकी सब महात्मा गाँधी और ईसा मसी नहीं हो सकते । कभी जरुर सोच कर देखे की ये अनाम कमेन्ट मे गाली देने की सभ्यता हिन्दी ब्लोगिंग मे क्यूँ शुरू हुई हैं ।
क्या हम मे से कोई भी हिन्दी ब्लोगिंग करने इस लिये आया था की वो गाली दे ??? पर देनी पड़ती हैं क्युकी अन्याय सहने वाला अन्याय करने वाले से भी ज्यादा गुनेहगार होता हैं । किसने हिन्दी ब्लोगिंग को ये परम्परा दी हैं की अनाम कमेन्ट मे गाली दो । ip address बदल कर कमेन्ट करो । बात की तह तक जाए तो आप ख़ुद खोज सकेगे की गलती किसने की हैं


ब्लॉगरA हिन्दी ब्लॉगर बना उसने दो चार कमेन्ट ब्लॉगर B , ब्लॉगर C और ब्लॉगर D कि साईट पर
अपने नाम और id से डाले जो किसी वज़ह से पसंद नहीं किये गये . सो ब्लॉगर C , ब्लॉगर D और ब्लॉगर B कि साईट पर ब्लॉगर A के लिये अनाम कमेन्ट अपशब्द वाले आने लगे . ब्लॉगर A ने आपत्ति दर्ज कि तो कहा गया मोदेरेशन नहीं लगाये गे , ब्लॉग्गिंग करनी हैं तो तैयार रहो इन सब के लिये .
समय बिता और फिर
ब्लॉगर B , ब्लॉगर C और ब्लॉगर D के लिये अब्शब्द भरे कमेन्ट कई और ब्लॉगर कि पोस्ट पर आये . अब ब्लॉगर C , B और D मोदेरेशन के लिये हल्ला मचाने लगे .
शायद इसी को vicious circle कहते हैं .




whois पर आगे ........

June 26, 2009

समय इंसान को बहुत कुछ सिखाता हैं । कमेन्ट मोदेरेशन

इस पोस्ट पर काफी पहले एक लम्बी कमेन्ट चर्चा हुई थी कमेन्ट मोदेरेशन पर आप लोग इस को दुबारा पढ़ सकते हैं । मोदेरेशन लगना जिन लोगो को ताना शाही लगता था उस पोस्ट पर आये कमेंट्स मे वही आज उसके पैरोकार हैं । समय इंसान को बहुत कुछ सिखाता हैं ।

Suresh Chiplunkar की पोस्ट पर उस समय कमेंट्स की भरमार हो गयी थी ।

जो ब्लॉगर भी अनाम कमेन्ट से परेशान हैं और मोदेरेशन नहीं लगाना चाहते हैं

जो ब्लॉगर भी अनाम कमेन्ट से परेशान हैं और मोदेरेशन नहीं लगाना चाहते हैं वो अपने ब्लॉग पर stat counter लगा ले । इस से आप absolute ip adress निकाल सकते हैं । उसके बाद उस ip address का whois करके आप वो फ़ोन नम्बर पा सकते हैं जहाँ इस तथाकथित ip address कि शिकायत दर्ज { abuse } कि जा सकती हैं । हर ip address कि शिकायत दर्ज हो सकती हैं और उसको बंद भी करवाया जा सकता हैं ।

June 25, 2009

अफ़सोस ही होता हैं .

कभी कभी बहुत अफ़सोस होता हैं जब लोग बच्चो क्यो मोहरा बना कर अपनी भडास निकलते हैं । जहाँ कोई कम उम्र बच्चा देखा जिसका ब्रेन वाश किया जा सकता हैं बस तुंरत उसको इस तरह अपने जाल मे फसाते हैं कि बेचारा समझ ही नहीं पता कि वो कब मोहरा बन गया हैं ।

June 24, 2009

क्यूँ करे हैं follow ??

किसी किसी ब्लॉग पर १५० से भी ज्यादा followers हैं लेकिन कमेन्ट बहुत ही कम होते हैं । followers कमेन्ट करने से कतराते क्यूँ हैं और विवाद होते ही अपनी स्पष्ट राय देने से भी क्यूँ भागते हैं followers।

क्यूँ करे हैं follow ??

June 23, 2009

भूत पिशाच निकट नहीं आवे

ब्लोगिंग के नुक्सान होते हैं कम
ब्लोगिंग के फायेदे हैं ज्यादा
जिस को चाहो प्रेत आत्मा बना दो
प्रेत योनी मे भिजवा दो
और ख़ुद वैज्ञानिक बन जाओ
तर्कों से ना जीत पाओ
तो कुतर्को से स्नेह बरसाओ
है भटकती आत्माओं
जहाँ भी हो तुम
एक बार क्वचिदन्यतोअपि..........! जरुर हो आना
और अपना नेह वहाँ भी बरसा आना
बहुत खोज रहे हैं वैज्ञानिक तुमको
साइंस की शूली पर चढाने के लिये
अब ये तुम पर निर्भर हैं कि
तुम ख़ुद शूली पर चढो
या किसी को चढाओ
तुम्हारे अस्तित्व को नकारते हैं
वैज्ञानिक जो , बार बार पोस्ट
तुम पर ही लिखते हैं वो



दिस्क्लैमेर
इस पोस्ट किसी भी भूत पिशाच पर या भटकती आत्माओं पर आयी पोस्ट से कोई लेना नहीं हैं

June 18, 2009

कमेन्ट मोदेरेशन क्यूँ ? क्युकी वो ब्लॉग मालिक का अधिकार हैं .

मैने अगर एक ब्लॉग बनाया हैं तो वो एक पर्सनल डायरी हैं जिसे मैने सार्वजानिक किया हैं । लेकिन उसको इस लिये नहीं सार्वजनिक किया हैं की मै अपनी विचार धारा बदलना चाहती हूँ । उसको इस लिये सार्वजनिक किया हैं ताकि मै क्या सोचती हूँ वो सार्वजनिक मंच पर भी पढा जाए । अब मेरी लिखी पोस्ट पर कुछ कमेन्ट आते हैं जो मेरी विचार धारा , मेरी सोच से अलग हैं । मै उनको पढ़ लेती हूँ और अगर मुझे लगता हैं की वो एक दूसरा तरीका हैं मेरी ही सोच को और विस्तृत करने का तो मै उसको ब्लॉग पर रहने देती हूँ अन्यथा डिलीट कर देती हूँ । कई बार लोग कहते हैं की कमेन्ट क्यूँ डिलीट किया आप तो केवल और केवल उन्ही कमेन्ट को पब्लिश करती हैं जो आप की हाँ मै हाँ मिलते हैं । बिल्कुल सही बात क्युकी मै समझती हूँ की मै सही हूँ और मै चाहती हूँ की जिसको मै सही समझती उसी सोच को आगे ले जाऊं । अगर किसी को मेरी सोच ग़लत लगती हैं तो उसके पास भी अपना कोई ना कोई माध्यम तो होगा उस बात को अभिव्यक्त करने का लेकिन उसका ये सोचना की मै अपने ब्लॉग पर उस बात को कमेन्ट मै रहने दूँ जिसका मै विरोध करती हूँ ग़लत हैं ।
जिन्दगी के कई मोड़ से गुजर कर हमारी सोच बनती हैं । उस पर ऊँगली उठाना आप का अधिकार हैं और आप कमेन्ट मे करते भी हैं । आप की बात ईमेल के जरिये मुझ तक पहुच भी जाती हैं पर ब्लॉग पर नहीं दिखती हैं और आप को लगता हैं ये ग़लत हैं क्यूँ ?? हर कमेन्ट को ब्लॉग पर देकर एक बहस को छेड़ना होता हैं जिसका कोई अंत नहीं हैं क्युकी वास्तविक दुनिया की बहस से हट कर मे वर्चुअल दुनिया मे इसीलिये आये हैं सब की यहाँ उन लोगो का साथ पा सके जिनकी सोच हम जैसी हैं ।
बेकार की बहस से अच्छा हैं की उस कमेन्ट को डिलीट कर दूँ जिस मे वो सब नहीं लिखा जिससे मै सहमत हूँ । हाँ कुछ ब्लॉग ख़ास कर साँझा ब्लॉग या ऐसे ब्लॉग जहाँ चर्चा का मंच हैं या वाद संवाद होता हैं वहाँ बहस के लिये मंच खुला होता हैं लेकिन वहाँ भी ब्लॉग मालिक का अधिकार होता हैं वो किसी भी कमेन्ट को डिलीट करदे अगर उसको वो सही नहीं लगता ।

आप अगर किसी कमेन्ट के डिलीट होने पर आपति दर्ज करते हैं तो बेहतर हैं की उससे पहले उस कमेन्ट को कहीं सेव करके के रखे और बाद मे डिलीट होने पर अपने ब्लॉग पर लिंक के साथ डाल कर बहस के लिये अपने ब्लॉग को खोल दे । { और अगर आप के पास इतना समय और जरुरत नहीं हैं की आप कमेन्ट को सेव करे तो प्लीस उसके डिलीट होने पर क्षोभ भी ना रखे }

कमेन्ट मोदेरेशन ब्लॉग मालिक का अधिकार हैं और उसके अधिकार पर आप प्रश्न चिन्ह क्यूँ लगाते हैं ??

June 17, 2009

कल की पोस्ट पर आए दो कमेन्ट

कल की पोस्ट पर आए दो कमेन्ट यहाँ दे रही हूँ क्युकी दोनों मे बहुत कुछ हैं जिस पर चर्चा हो सकती हैंकमेन्ट पढेसंभवत आप के पास इनके जवाब हो पर आप ना देना चाहे तो भी कोई बात नहीं क्युकी जवाब तो आप के पास है ही , संभवत आप के पास इन दोनों के लिये प्रश्न हो तो वो आप इनसे यही पूछे देखे ये आप के प्रश्नों के उत्तर देना चाहते हैं या नहीं
वैस नीरज रोहिला ने जो कहा उस से मै पूरी तरह सहमत हूँ और Anonymous ने कमेन्ट करने के कारण को लेकर भी जो कहा हैं उस से भी मे सहमत हूँ और इसी लिये दोनों कमेन्ट पोस्ट बना कर दे रही हूँ
Anonymous said...

As a reader you may agree or disagree with the post on any Blog. But the comments on the post give you more views related to that subject. Those comments may support/oppose/addition to the post. Basically comment section should be a critical analysis of the subject matter of the post. However in Hindi Blogging comments section is used for support/oppose the writer/blogger and most of the time comments have no relation to the post/subject. If you review comments, you may find that atleast 2 out of 7 are worthless for other readers. They posted there comment since they want to be your friend/enemy/on your good book/on your bad book, but not adding any value to your post/blog. If we review any blogs/post with 100 or more comments, you may find 90% are worthless. As a Hindi blogger if you are concern about future of Hindi Blogging, you should pay more attention / respect to the comment section and while posting comment pay attention that you are adding some value to that post. As a blogger stop posting worthless comments on other hindi blogs/post. We are making hindi blogging like:- Pan ki Dukan ka Adda, Samantshahi Raja ki Gaddi jahaa par log salaam karane aate hai, mushayara/kavita sabha ka manch for wah....wah...wah. On one hand most of the hindi blogger claim that they are doing this to promot Hindi. However their action shows they are doing this for interneting (relationship building)/ to show off his higher cast or higher position / promoting personal business etc.
I dont want to hurt anyone and this is for all hindi bloggers (not for you only Rachana)

Neeraj Rohilla said...

रचना,
एक और सवाल भी है जिस पर मैं पिछले काफ़ी समय से सोच रहा हूँ। हिन्दी ब्लागिंग अपने विचारों को हिन्दी भाषा के माध्यम से व्यक्त करने का जरिया है अथवा केवल हिन्दी बोलने/पढने/सुनने वाले क्षेत्र से सम्बद्ध बातों पर विचार-विमर्श।

बहुत बार देखा है कि कोई ऐसी बात जो हमारे कम्फ़र्ट जोन से बाहर की होती है उस पर संस्कृति/सभ्यता/समाज का ठप्पा लगाकर अप्रासंगिक सिद्ध करने की कोशिश होती है। अगर हिन्दी केवल भाषा है तो फ़िर किसी भी प्रकार के विचारों का स्वागत होना चाहिये बिना किसी पूर्वाग्रह के, आप सहमत हों कि न हों ये अलग बात है।

मैं अपनी पढाई के सिलसिले में आजकल देश से बाहर हूँ और कई बार कुछ लिखना चाहता हूँ लेकिन फ़िर सोचता हूँ हिन्दी ब्लाग जगत पर लिखने से अच्छा अंग्रेजी में लिखूँ लेकिन अलग अंग्रेजी ब्लाग बनाने के आलस्य में छूट जाता है।

June 16, 2009

ब्लोगिंग को वास्तविक दुनिया से ना मिलाये । क्युकी फिर आप भाग कर कहा जायेगे । ?

आप हिन्दी ब्लॉगर हैं । पर क्यूँ आप ने हिन्दी मे ब्लॉग करना शुरू किया ? क्या आप के लिये ब्लोगिंग एक ऐसी फ्री की स्पेस हैं जहाँ आप जो चाहे छापे कविता , कहानी या और भी बहुत कुछ कहीं ख़बर तो कहीं व्यंग तो कहीं ग़ज़ल तो कहीं ----। पर इस सब से भी ज़्यादा जरुरी हैं की क्या अपने ब्लोगिंग इस लिये शुरू की की आप को दोस्तों को जरुरत थी और यहाँ आप को वर्चुल दुनिया मे आभासी मित्र मिल गए । वर्चुअल दुनिया की छवि और वास्तविक दुनिया की छवि मे अन्तर होता हैं । जिस वास्तविक दुनिया से भाग कर आप इस वर्चुअल दुनिया मे आये , हिन्दी ब्लोगिंग मे आप ने उसी वास्तविक दुनिया को वापस खड़ा कर दिया हैं ।

बहुत कम लोग हैं जो जैसे वर्चुअल दुनिया मे हैं वैस ही वास्तविक दुनिया मे अन्यथा वास्तविक दुनिया की सच्चाई बहुत फरक हैं ।

जब भी आप किसी ब्लॉगर से वास्तविक दुनिया मे मिलगे तो आप को तैयार रहना होगा की आप को कभी भी चोट लग सकती हैं । इस लिये अपने परिवार मे किसी को भी बुलाने से पहले ध्यान दे की आप जिस को बुला रहे हैं उसको आप कितना जानते हैं ।

ब्लोगिंग को वास्तविक दुनिया से ना मिलाये । क्युकी फिर आप भाग कर कहा जायेगे


हिन्दी ब्लोगिंग मे कुछ लोग हमेशा mediator की भूमिका के लिये तैयार रहते हैं क्युकी इससे वो अपनी importance बनाए रहते हैं । लेकिन इन लोगो की सबसे बढिया बात ये हैं की ये दोनों तरफ़ से अच्छे बने रहते हैं । इनमे से कुछ ऐसे भी हैं जो हर नये ब्लॉगर के आते ही उसको पर्सनल मेल भेज कर उसका स्वागत करते हैं और फिर दो तीन मेल के बाद उसको बताते हैं किन ब्लॉग को पढो , किन ब्लॉग को मत पढो । इनके ग्रुप बहुत स्ट्रोंग हैं और ये निरंतर उस ग्रुप को बढ़ा कर हिन्दी ब्लोगिंग को अंदर से खोखला कर रहे हैं ।

यहाँ कोई बच्चा नहीं हैं पर यहाँ बार बार मेल और कमेन्ट मे ये बताया जाता हैं की सभ्यता और संस्कृति को ध्यान मे रख कर कमेन्ट करना चाहिये । जो आप से पहले ब्लॉग कर रहे हैं उनके प्रति झुके रहो । वरिष्ठता और कनिष्ठता का टैग लेकर लोग ब्लॉग कर रहे हैं ।


ब्लॉग लेखन को दोस्त { वास्तविक } बनाने का जरिए जब तक हम बनाते रहे गए तब तक निजता को लेकर कमेन्ट आते रहे गए । dispassionate होकर ब्लॉग लिखे बस केवल लिखने के लिये passion रहे

June 15, 2009

दोस्त दोस्त ना रहा

वो कहते हैं चोर चोर मौसरे भाई
आज अलग अलग गरियाते हैं
कल मिल कर गरियायेगे
सो ना उनसे दोस्ती भली
ना उनसे दुश्मनी भली
कल गले मिलेगे
और कहेगे हमने तो
भुला दिया वो जो बीत चुका

समसामयिक प्रासंगिक

The first thing we do, let's kill all the lawyers.
William Shakespeare
King Henry VI Part 2.

Lawyer, n. One skilled in circumvention of the law.
Ambrose Bierce
The Devil's Dictionary.

Make crime pay. Become a lawyer.
Will Rogers

A lawyer with a briefcase can steal more than a thousand men with guns.
Mario Puzo

It is better to be a mouse in a cat's mouth than a man in a lawyer's hands.
Spanish Proverb

Woe unto you also, ye lawyers! for ye lade men with burdens grievous to be borne.
Jesus
The Bible, Luke 11. 46.

I don't think you can make a lawyer honest by an act of legislature. You've got to work on his conscience. And his lack of conscience is what makes him a lawyer.
Will Rogers

Discourage litigation. Persuade your neighbors to compromise whenever you can. As a peacemaker the lawyer has superior opportunity of being a good man. There will still be business enough.
Abraham Lincoln

Litigation: A machine which you go into as a pig and come out of as a sausage.
Ambrose Bierce
The Devil's Dictionary.

The good lawyer is not the man who has an eye to every side and angle of contingency, and qualifies all his qualifications, but who throws himself on your part so heartily, that he can get you out of a scrape.
Ralph Waldo Emerson

The leading rule for the lawyer, as for the man of every other calling, is diligence. Leave nothing for to-morrow which can be done to-day.
Abraham Lincoln

[A] lawyer without books would be like a workman without tools.
Thomas Jefferson

He is no lawyer who cannot take two sides.
Charles Lamb

The power of the lawyer is in the uncertainty of the law.
Jeremy Bentham

I busted a mirror and got seven years bad luck, but my lawyer thinks he can get me five.
Stephen Wright

My decision to become a lawyer was irrevocably sealed when I realized my father hated the legal profession.
John Grisham

If a person is not talented enough to be a novelist, not smart enough to be a lawyer, and his hands are too shaky to perform operations, he becomes a journalist.
Norman Mailer

A lawyer without history or literature is a mechanic, a mere working mason; if he possesses some knowledge of these, he may venture to call himself an architect.
Sir Walter Scott

He who is his own lawyer has a fool for a client.
Proverb

A jury consists of twelve persons chosen to decide who has the better lawyer.
Robert Frost

Lawyer: One who protects us from robbers by taking away the temptation.
Henry Lewis Mencken

The lawyer's truth is not Truth, but consistency or a consistent expediency.
Henry David Thoreau

Baseball is almost the only orderly thing in a very unorderly world. If you get three strikes, even the best lawyer in the world can't get you off.
Bill Veeck

It is not what a lawyer tells me I may do; but what humanity, reason, and justice tell me I ought to do.
Edmund Burke

The minute you read something that you can't understand, you can almost be sure that it was drawn up by a lawyer.
Will Rogers

A lawyer's relationship to justice and wisdom is on a par with a piano tuner's relationship to a concert. He neither composes the music, nor interprets it-he merely keeps the machinery running.
Lucille Kellen

I think we may class the lawyer in the natural history of monsters.
John Keats

Don't misinform your Doctor nor your Lawyer.
Benjamin Franklin

A Lawyer will do anything to win a case, sometimes he will even tell the truth.
Patrick Murray

The doctor sees all the weakness of mankind; the lawyer all the wickedness, the theologian all the stupidity.
Arthur Schopenhauer

Most people aren't appreciated enough, and the bravest things we do in our lives are usually known only to ourselves. No one throws ticker tape on the man who chose to be faithful to his wife, on the lawyer who didn't take the drug money.
Peggy Noonan

Law students are trained in the case method, and to the lawyer everything in life looks like a case.
Edward Packard, Jr.

We all know here that the law is the most powerful of schools for the imagination. No poet ever interpreted nature as freely as a lawyer interprets the truth.
Jean Giraudoux

War is the statesman's game, the priest's delight,
The lawyer's jest, the hired assassin's trade.
Percy Bysshe Shelley
Queen Mab.

The average lawyer is essentially a mechanic who works with a pen instead of a ball peen hammer.
Robert Schmitt

Going to trial with a lawyer who considers your whole life-style a Crime in Progress is not a happy prospect.
Hunter S. Thompson

Whenever a bitter foe attack thee Sheathe thy sword, they wrath restrain; Or else will magistrates and lawyers Divide thy wealth, thy purse retain.
Archevolti

Most of the clients that I represent in a criminal case I detest.
Joseph Ball

America is the paradise of lawyers.
David J. Brewer

A lawyer starts life giving $500 worth of law for $5, and ends giving $5 worth for $500.
Benjamin H. Brewster

A lawyer is a learned gentleman who rescues your estate from your enemies and keeps it himself.
Henry Peter Brougham

It is an honorable calling that you have chosen. Some of you will soon be defending poor, helpless insurance companies who are constantly being sued by greedy, vicious widows and orphans trying to collect on their policies. Others will work tirelessly to protect frightened, beleaguered oil companies from being attacked by depraved consumer groups. [commencement address, Tulane University School of Law]
Art Buchwald

And God said: 'Let there be Satan, so people don't blame everything on me. And let there be lawyers, so people don't blame everything on Satan'.
George Burns

"You are old," said the youth, "and your jaws are too weak for anything tougher than suet; yet you finished the goose, with the bones and the beak. Pray, how did you do it?" "In my youth," said his father, "I took to the law, and argued each case with my wife and the muscular strength which it gave to my jaw has lasted the rest of my life."
Lewis Carroll

Doctors are the same as lawyers; the only difference is that lawyers merely rob you, whereas doctors rob you and kill you too.
Anton Pavlovich Chekhov

You cannot live without the lawyers, and certainly you cannot die without them.
Joseph H. Choate

The trouble with law is lawyers.
Clarence Darrow

True, we build no bridges. We raise no towers. We construct no engines. We paint no pictures - unless as amateurs for our own principal amusement. There is little of all that we do which the eye of man can see. But we smooth out difficulties; we relieve stress; we correct mistakes; we take up other men's burdens and by our efforts we make possible the peaceful life of men in a peaceful state.
John W. Davis

A man who never graduated from school might steal from a freight car. But a man who attends college and graduates as a lawyer might steal the whole railroad.
Theodore Roosevelt
Attempting to persuade his son to become a lawyer.

In tribal times, there were the medicine men. In the Middle Ages, there were the priests. Today, there are the lawyers. For every age, a group of bright boys, learned in their trades and jealous of their learning, who blend technical competence with plain and fancy hocus-pocus to make themselves masters of their fellow men. For every age, a pseudo-intellectual autocracy, guarding the tricks of the trade from the uninitiated, and running, after its own pattern, the civilization of its day.
Fred Rodell

If there were no bad people there would be no good lawyers.
Charles Dickens

"I don't like lawyers, nannie." "No one likes lawyers, little boy."
J. P. Donleavy

The world has its fling at lawyers sometimes, but its very denial is an admission. It feels, what I believe to be the truth, that of all secular professions this has the highest standards.
Oliver Wendell Holmes, Jr.

Necessity knows no law; I know some attorneys of the same.
Benjamin Franklin

A lawyer's time and advice are his stock in trade.
Abraham Lincoln

I never saw a lawyer yet who would admit he was making money.
Mary Roberts Rinehart

While law is supposed to be a device to serve society, a civilized way of helping the wheels go round without too much friction, it is pretty hard to find a group less concerned with serving society and more concerned with serving themselves than the lawyers.
Fred Rodell

The bar does not claim to be the communion of saints. It only claims to be a noble organization of fallible men, in a fallible society. It concedes that all lawyers sometimes blunder in a professional service; that many sometimes sin against professional duty; that some are incompetent and some are vicious. But it asserts its own dignity and integrity, by a greater contempt than the world has for its dunces, by a severer reprobation of its knaves.
Edmund G. Ryan

You're an attorney. It's your duty to lie, conceal and distort everything, and slander everybody.
Jean Giraudoux

There is no better way to exercise the imagination than the study of the law. No artist ever interpreted nature as freely as a lawyer interprets the truth.
Jean Giradoux

Only lawyers and painters can turn white to black.
Japanese Proverb

God wanted to chastise mankind, so he sent lawyers.
Russian Proverb

Fools and obstinate men make rich lawyers.
Spanish Proverb

Were we to act but in cases where no contrary opinion of a lawyer can be had, we should never act.
Thomas Jefferson

Lawyers, I suppose, were children once.
Charles Lamb

It is unfair to believe everything we hear about lawyers. Some of it might not be true.
Gerald F. लिएबेर्मन

आभार


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इसका क्या मतलब हैंनीचे नारी ब्लॉग का जिक्र क्यूँ आता हैंतकनीक समझाने कि इच्छा हैंजानकारी बांटे

June 12, 2009

" धमकात्मक स्नेह " कुछ चिंतन

हिन्दी ब्लोगिंग को संबंधो मे बंधना इतना जरुरी क्यूँ हैं । बार बार ये क्यों लिखा जाता हैं की बडे भाई समान हैं या बड़ी बहिन समान या पिता समान हैं हम इस लिये हमारी बात को मानो । बात को मनवाने के लिये उस पर संबंधो का वजन रखना और वो भी ब्लोगिंग मे कितना सही हैं ???? अरुण की पोस्ट पर दिनेशराय द्विवेदी का ये कहना "एक दोस्त और बड़े भाई और दोस्त की हैसियत से इतना निवेदन कर रहा हूँ कि कम से कम इस पोस्ट को हटा लें।"
क्यूँ सही हैं ?? अगर मात्र एक ब्लॉगर की तरह
दिनेशराय द्विवेदी अपनी राय नहीं दे सकते थे


उसी पोस्ट मे
ज्ञानदत्त पाण्डेय अपने कमेन्ट मे कहते हैं " धमकात्मक स्नेह की क्या जरूरत है? वह तो पिताजी ने बचपन में घणा दे दिया था! "
जिसका सीधा अभिप्राय हैं की सब समान हैं उम्र मे बड़ा छोटा और माता पिता का स्नेह / डांट डपट से मुक्त होकर बात करनी चाहिये ।



और ये पहली बार नहीं हुआ हैं सतीश सक्सेना की पोस्ट


मे वो सुजाता को समझाते हैं
यह कौन सी सभ्यता और आचरण है जिसमे अपने पिता समान व्यक्ति से बात करने का सलीका भी नही आता !

दिनेशराय द्विवेदी की ही एक पुरानी पोस्ट ले ले
जहाँ स्वपनदर्शी कहती हैं "मुझे हमेशा से ही ऐसे पुरुषो से आपत्ति रही है, जो पहला मौका देखते ही, आपको, बेटी और बहन, भाभी के सम्बोधन से नावाज़ते है. उनसे मै साफ कहती हू, कि मेरे पिता और भाई है, और बहुत लायक है, मुझे दूसरे पिता और भाईयो की ज़रूरत नही है. "

अभी कुछ दिन पहले ज्ञानदत्त पाण्डेय और रीता नाना नानी बने और इसकी चर्चा कविता ने चिट्ठा चर्चा पर की । मैने इंग्लिश मे लिखा gyan and reeta congrats . एक ब्लॉगर ने ईमेल से मुझे कहा "आपने ज्ञानजी और रीताजी को ऐसे बधाई जैसे वे आपसे बहुत छोटे हों! Roman में लिखने से उमर थोड़ी घट/बढ़ जाती है। "

अब मेरी और ज्ञानदत्त पाण्डेय की उम्र मे मुश्किल से ३ वर्ष की छोटाई बडाई हैं जिसकारण से रीता या तो मेरी हम उम्र होंगी या कुछ कम ही होंगी । केवल इस लिये क्युकी वो नानी बन गयी हैं मे उनको पुरातत्व मटेरिअल मान लूँ ये मुझे नहीं गवारा हैं । और फिर उनके अपने स्नेह सम्बन्ध हैं जहाँ बड़ा छोटा इत्यादि होगा ही फिर मै क्यूँ ब्लोगिंग मे भी उनको और अपने को इस सम्बन्ध मे बांधू जो केवल किसी को धमकाने के लिये काम आये ।

बात को कहने के लिये संबंधो का वजन रखना इतना जरुरी क्यूँ हैं ?? और ब्लॉग लिखते समय , कमेन्ट करते समय मे भी इसी बात को लेकर अगर हम एक दूसरे पर हावी होना चाहेगे तो शायद हिन्दी ब्लोगिंग अपने शैशव काल से निकल कर बाल्यकाल तक भी नहीं पहुचेगी क्युकी आज भी हमारे समाज मे बच्चो को कभी बालिग़ नहीं होने दिया जाता हैं ।

कुछ और लिंक्स इसी विषय पर

आप सब उम्र में मुझसे छोटी हैं. वैचारिक मंच पर शिष्टाचार जरूरी है.

अगर कोई यहां अपनी ज्यादा उम्र का रौब दिखाने की कोशिश करे तो लोग तो हंसेगे ही क्योंकि ब्लॉगर एक बच्चे या बुजुर्ग की तरह नहीं बल्कि एक विचार की तरह विमर्ष में शामिल होता है। यहां वह न चाचा-मामा-ताऊ होता है और न नानी-दादी-मौसी या बुआ। विचार को विचार से ही काटें या सहमति दें



June 11, 2009

ब्लोगिंग आप के मस्तिष्क की आवाज हैं Blogging is the VOICE OF MIND

ब्लोगिंग आवाज हैं दिमाग की { Blogging is the VOICE OF MIND }. । अभिव्यकी की स्वतंत्रता हैं ब्लोगिंग मे वही आप आज क्या कह रहे हैं और कल क्या कहा था इन दोनों को मिलान कर के भी देखा जा सकता हैं । अगर आप के विचार बदलते रहते हैं तो सही और अच्छा हैं क्युकी शायद आप कुछ सीख रहे हैं । पर जब आप अपनी सहूलियत के लिये और अपने ब्लॉग की टी आर पी बढ़ाने के लिये लिखते हैं तो आप केवल और केवल अपनी पोप्युलैरिटी के लिये लिखते हैं । आप एक झूठ को जी रहे हैं ।


हिन्दी ब्लोगिंग मे लोग अपनी पोस्ट पर लिंक्स बहुत कम देते हैं क्युकी वो वाद विवाद से हट कर बस लिख देते हैं । लिंक दे कर एक पोस्ट को दूसरी पोस्ट से जोड़ा जा सकता हैं और आम ब्लॉगर तक अपनी आवाज पहुचाई जा सकती हैं ।
आम ब्लॉगर यानी एक आम आदमी जिसकी ताकत का अंदाजा लगना मुश्किल । हमेशा डर कर जीता हैं इसलिये लोग उसको डरपोक समझ लेते हैं । जिन लोगो ने A Wednesday न देखी हो जरुर देखे ।

अपने अपने मुद्दे तलाश ले और ब्लोगिंग करे क्युकी ब्लोगिंग आप के मस्तिष्क की आवाज हैं और इस आवाज को जितनी दूर तक ले जाना चाहे उतना ले जाए । जो नहीं अच्छा लगता उसका विरोध करे और इतना विरोध करे की दूसरा उस काम को करना बंद कर दे । अगर आप विरोध नहीं करेगे तो जो आप को नहीं अच्छा लगता हैं वही आप को पढ़ना पडेगा और वही करना पडेगा ।

अपनी सोच पर टिकना सीखे , ढूल मूल बात को लिखने से क्या फायदा , बे पेंदी के लोटे की तरह ब्लॉग ना लिखे ।

post courtsey
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पोस्ट को पढने का मजा तभी आयेगा जब पाठक हर लिंक को क्लिक करेगा और उस लिंक पर जा कर , फिर वहाँ दिये गए लिंक को पढेगा और वापस ओरिजनल पोस्ट पर आ कर अपनी बात कहेगा कमेन्ट मे । पुराने लिंक आप को ये बताते हैं की किसने किस वक्त क्या कहा और फिर अपने वक्त मे कितना बदल कर कहा ।

लिंक देने से परहेज क्यूँ और लिंक पढने से परहेज क्यों ???

June 09, 2009

सुशील कुमारsk.dumka@gmail.कॉम स्पैम करना बंद करे

नीचे दी हुई मेल जिस ग्रुप से आ रही हैं उसको मैने कभी ज्वाइन नहीं किया फिर क्यूँ मेरे मेल बॉक्स मे स्पैम भेजा जा रहा हैं । अगर आप किसी को जबदस्ती कुछ खिलाते हैं तो उलटी होती हैं क्यूँ अपने इतने "बहुमूल्य !!!??? लेखन " को जबरदस्ती ठेल रहे हैं कि उसको उलटी करने का मन हैं । स्पैम करना बंद करे


----- Original Message -----
Sent: Tuesday, June 09, 2009 5:50 PM
Subject: [नई पोस्ट देंखे-लिंक नीचे] सुशील कुमार की ताजा कविता ’घर और घर’

साथियों,
हमारे वरिष्ठ कवि आदरणीय भगवत रावत जी ने हिंदी कविता के पाठकों के लिये कहीं लिखा था कि
‘दुनिया की आपाधापी से
बच - बचाकर
बड़ी मुश्किल से पहुंचती है
आपके पास
कवितायें
उनसे हड़बड़ी में न मिलें
कम से कम
अपना पसीना सूखा सकें
इतना समय उन्हें दें
उन्हें बस इतना अपना
हो लेने दें
कि वे आपसे
बातचीत किये बिना
वापस न जायें’।
प्रस्तुत है उक्त क्रम में हिन्द-युग्म पर अपनी एक कविता
घर और घर
जिसे आप नीचे का लिंक किल्क कर पढ़ सकते हैं-
निवेदक - सुशील कुमार।
http://words.sushilkumar.net/
http://www.sushilkumar.net/
http://diary.sushilkumar.net/
हंसनिवास/कालीमंडा/ पो.- पुराना दुमका/दुमका/झारखंड(भारत)-814 101
संपर्क- 0 94313 10216

June 06, 2009

छात्र खुश अध्यापक ना खुश ।

इस वर्ष से दिल्ली विश्व विद्यालय टीचर्स के लिये भी समय सारणी हो यानि ८.३० से ४.३० की नौकरी इस वर्ष के सत्र से आरम्भ और अगले सत्र यानी २०१०-२०११ से सेमिस्टर प्रणाली लागू । छात्र खुश अध्यापक ना खुश ।

June 04, 2009

अब ना कहे चीनी कम

वाह क्या समय आया हैं की दिवालिया अमरीकी कंपनी को चाइना की कम्पनी खरीद रही हैं । लिंक देखे हो सकता हैं ओबामा के बाद कोई चीनी अमरीका का राष्ट्रपति बन जाए । अब ना कहे चीनी कम ।

June 01, 2009

आज कल ये चिडिया अक्सर घर के बाहर आ कर बैठ जाती हैं । बड़ी मुश्किल से फोटो खिचाती हैं ।



आज कल ये चिडिया अक्सर घर के बाहर आ कर बैठ जाती हैं । बड़ी मुश्किल से फोटो खिचाती हैं । आहट मिलते ही उड़ कर सीधा जा कर सबसे ऊँचे वाले बिजली के तार पर बैठ जाएगी !!! इस नाम जानने की बड़ी इच्छा हैं { पर प्लीज़ ये पहेली नहीं हैं } किसी को पता हो तो बताये ।

क्या एक विवाहित दम्पत्ति को सरेआम PDA की अनुमति केवल और केवल इस लिये है क्युकी वो विवाहित हैं ? और बाकी सब के लिये PDA कानूनन अपराध हैं .

Questioning how an expression of love by a married couple at a public place amounts to obscenity,

हमारी न्याय प्रणाली मे भी अब विवाहित और अविवाहित मे फरक समझा जाता हैं । अगर PDA गलत हैं तो सबके लिये ग़लत होना चाहिये । कॉलेज और युवक युवतियां जो पार्क और सार्वजानिक स्थलों पर मिलते हैं उनके पीछे मोरल पुलिसिंग होती हैं और हजारो पन्ने और आलेख भर दिये जाते बढते हुए "खुले पन " के लिये । हमारे ब्लॉगर मित्र भी पोस्ट लिख लिख कर अपना आक्रोश जताते हैं पर अब किसी ने कोई आपति नहीं की ।
ये सही हैं की उस विवाहित जोडे पर पुलिस कर्मचारियों ने अति की होगी लेकिन क्या अति केवल इस लिये गलत थी थी क्योकि वो विवाहित थे ।

क्या एक विवाहित दम्पत्ति को सरेआम PDA की अनुमति केवल और केवल इस लिये है क्युकी वो विवाहित हैं ? और बाकी सब के लिये PDA कानूनन अपराध हैं .

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