मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

May 04, 2009

इस पोस्ट पर कमेन्ट करने कि सुविधा नहीं हैं ।

इस लिंक पर "गौरव" ने कुछ ब्लॉग के लिंक दिये हैं । ये लिंक मैने बहुत पहले देखा था पर तब वहाँ किसी भी ब्लॉगर का कोई कमेन्ट नहीं था , मैने भी नही दिया । कल दुबारा देखा काफी कमेन्ट थे मै भी दे आयी ।
इस लिंक को दुबारा देख कर आँख खुल गयी , आज भी लोग गाँव और देहात कि बात हो तो अपने को शहर वाला कहना ही पसंद करते हैं । दुसरो को भाषण देना कितना आसन होता हैं पर जब बात अपने पर आती हैं तो सब इंग्लिश वाला कहलाने मे ही फक्र महसूसते हैं । इस पोस्ट पर कमेन्ट करने कि सुविधा नहीं हैं । आप पढ़ ले और अगर उस लिंक पर आप को "in between the lines " पढ़ना आता हो तो आप को कमेन्ट मे वहाँ बहुत कुछ मिलेगा जो आप सब को महसूस करायेगा कि लोग दोहरी जिंदगियां जीते हैं । और अगर आप को वहाँ कुछ नहीं भी दिखता तो एक अच्छा लिंक ही पढ़ ले ।

मै निरंतर कोशिश करती हूँ कि ब्लोगिंग करूँ , ब्लोगिंग यानी अपनी महसूस कि हुई बात को बिना लाग लपेट कर जो कहा जाए वही सच हैं को इन्टरनेट के माध्यम से लोगो तक पहुचाना ।

आप चाहे तो मुझे "whistleblower " कह सकते हैं

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